अस्सलामु अलैकुम दोस्तों! हाल ही में रमज़ान का मुबारक महीना हमारे पास से गुज़रा और हम अल्लाह की इबादत में मसरूफ थे। इस मुबारक महीने में हमने जमकर इबादत की, अब रमज़ान का महीना रुखसत होने के बाद हमें अपनी दुआओं और इबादतों को और भी पुख्ता करना चाहिए। आज हम बात करेंगे कुरआन-ए-पाक की चार बहुत ही अहम सूरतों के बारे में, जिन्हे हम ‘4 Qul’ या Char Qul के नाम से जानते हैं।
ये चार सूरतें कौन सी हैं? ये हैं:
- सूरह अल-काफिरून (Surah Al-Kafirun)
- सूरह अल-इखलास (Surah Al-Ikhlas)
- सूरह अल-फलक (Surah Al-Falaq)
- सूरह अल-नास (Surah An-Nas)
ये चारों सूरतें कुरआन-ए-पाक के आखिरी पारे में हैं और इन्हें पढ़ने के बहुत सारे फायदे हैं। ये अल्लाह की तरफ से हमारी हिफाज़त के लिए एक बेहतरीन ज़रिया हैं।
4 Qul in hindi: चारों कुल को हिंदी में समझें
आइए अब इन चारों सूरतों को हिंदी में देखते हैं और उनका मतलब समझते हैं।

1. सूरह अल-काफिरून (Surah Al-Kafirun)
ये वो सूरत है जो हमें ईमान और कुफ्र के बीच फ़र्क़ सिखाती है। इसमें हम अपने दीन पर अटल रहने का इकरार करते हैं।
Surah Al Kafiroon in Hindi :
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम।
कुल या अय्युहल काफिरून।
ला अअबुदु मा ताअबुदून।
वला अनतुम आबिदूना मा अअबुद।
वला अना आबिदुम मा अबत्तुम।
वला अनतुम आबिदूना मा अअबुद।
लकुम दीनुकुम वलिय दीन।
Surah Kafiroon Meaning in Hindi:
अल्लाह के नाम से जो बहुत बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
कहो, ऐ काफिरों।
न मैं पूजा करता हूँ उसकी जिसकी तुम पूजा करते हो।
और न तुम पूजा करते हो उसकी जिसकी मैं पूजा करता हूँ।
और न मैं पूजा करने वाला हूँ उसकी जिसकी तुमने पूजा की है।
और न तुम पूजा करने वाले हो उसकी जिसकी मैं पूजा करता हूँ।
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन है और मेरे लिए मीरा दीन।
Surah Al Kafiroon in Roman English:
Bismillahir Rahmanir Rahim.
Qul ya ayyuhal kafirun.
La a’budu ma ta’budoon.
Wa la antum ‘abidoona ma a’bud.
Wa la ana ‘abidum ma ‘abadtum.
Wa la antum ‘abidoona ma a’bud.
Lakum deenukum wa liya deen.
2. सूरह अल-इखलास (Surah Al-Ikhlas)
ये सूरत अल्लाह की तौहीद (अल्लाह की एकता) के बारे में है। ये बहुत छोटी मगर बहुत अहम सूरत है।

Surah Ikhlas in Hindi:
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम।
कुल हुवल्लाहु अहद।
अल्लाहुस समद।
लम यलिद वलम यूलद।
वलम यकुल्लहू कुफुवन अहद।
Surah Ikhlas Hindi Tarjuma:
अल्लाह के नाम से जो बहुत बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
कहो, वो अल्लाह एक है।
अल्लाह बेनियाज़ है (जिसको किसी की ज़रूरत नहीं)।
न उसने किसी को जना और न उसको किसी ने जना।
और न कोई उसके बराबर है।
Surah Al Ikhlas in Roman English:
Bismillahir Rahmanir Rahim.
Qul Huwallahu Ahad.
Allahus Samad.
Lam yalid wa lam yoolad.
Wa lam yakul lahu kufuwan ahad.
3. सूरह अल-फलक (Surah Al-Falaq)
ये सूरत हर तरह के शर (बुराई) से अल्लाह की पनाह मांगने के लिए है, खासकर सुबह की रोशनी के शर से, अंधेरी रात के शर से और जादू-टोने के शर से।

Surah Falak Hindi Mein:
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम।
कुल अऊज़ु बिरब्बिल फलक।
मिन शररि मा खलक।
वमिन शररि गासिकिन इज़ा वकब।
वमिन शररिन नफ्फासाति फिल उकद।
वमिन शररि हासिदिन इज़ा हसद।
Surah Falaq meaning in hindi:
अल्लाह के नाम से जो बहुत बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
कहो, मैं सुबह के परवरदिगार की पनाह चाहता हूँ।
तमाम मखलूकात के शर से (जो उसने पैदा की हैं)।
और अंधेरी रात के शर से जब वह छा जाए।
और गांठों में फूंक मारने वालियों (जादूगरनियों) के शर से।
और हसद करने वाले के शर से जब वह हसद करे।
Surah Falaq in Roman English:
Bismillahir Rahmanir Rahim.
Qul a’oozu bi Rabbil falaq.
Min sharri ma khalaq.
Wa min sharri ghasiqin iza waqab.
Wa min sharrin naffaa-saati fil ‘uqad.
Wa min sharri hasidin iza hasad.
4. सूरह अल-नास (Surah An-Nas)
ये सूरत इंसानों और जिन्नों के वसवसों (फुसलाने) के शर से अल्लाह की पनाह मांगने के लिए है, खासकर शैतान के शर से।

Surah An Nas in Hindi:
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम।
कुल अऊज़ु बिरब्बिन नास।
मलिकिन नास।
इलाहिन नास।
मिन शर्रिल वसवासिल खन्नास।
अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन नास।
मिनल जिन्नति वन नास।
Surah Nas ka Hindi Tarjuma:
अल्लाह के नाम से जो बहुत बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
कहो, मैं इंसानों के परवरदिगार की पनाह चाहता हूँ।
इंसानों के मालिक की।
इंसानों के माबूद की।
खन्नास (बार-बार आने वाले, छिपने वाले) वसवे डालने वाले के शर से।
जो इंसानों के सीनों में वसवे डालता है।
चाहे वह जिन्न में से हो या इंसान में से।
Surah Nas in Roman English:
Bismillahir Rahmanir Rahim.
Qul a’udhu bi Rabbin nas.
Malikin nas.
Ilahin nas.
Min sharril waswaasil khannas.
Allazee yuwaswisu fee sudoorin nas.
Minal jinnati wan nas.
4 Qul benefits in Hindi: चारों कुल पढ़ने के फायद
दोस्तों, इन चारों सूरतों को पढ़ना सिर्फ इबादत ही नहीं है, बल्कि हमारी ज़िंदगी में इनके बहुत सारे फायदे हैं।
- बुरी नज़र और जादू से हिफाज़त: सूरह अल-फलक और सूरह अल-नास खासकर बुरी नज़र, जादू-टोने और हसद से हमारी हिफाज़त करती हैं।
- शैतान और जिन्न के शर से बचाव: सूरह अल-नास शैतान और जिन्नों के वसवसों से हमें बचाती है।
- अल्लाह की तौहीद का इकरार: सूरह अल-इखलास अल्लाह की एकता को बयान करती है और इसके पढ़ने से हमारा ईमान मज़बूत होता है।
- दीन पर साबित कदम रहना: सूरह अल-काफिरून हमें मुश्किल हालात में भी अपने दीन पर कायम रहना सिखाती है।
- हर तरह के शर से पनाह: हदीसों में आता है कि इन सूरतों को पढ़ने से हमें हर तरह के शर से अल्लाह की पनाह मिलती है।
- बीमारियों से शिफा: सोते वक़्त इन सूरतों को पढ़कर अपने ऊपर या बीमार पर दम करने से शिफा अल्लाह की मर्ज़ी से मिलती है।
- बरकत का ज़रिया: इन सूरतों को पढ़ने से घरों में बरकत आती है और परेशानियां दूर होती हैं।
4 Qul hindi wazifa: चार कुल पढ़ने का वजीफा
ये चारों सूरतें हम रोज़ाना पढ़ सकते हैं। कुछ खास मौके हैं जब इनका पढ़ना बहुत फायदेमंद होता है:
- सोते वक़्त: हदीस में आता है कि नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) सोते वक़्त सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फलक और सूरह अल-नास पढ़कर अपने हाथों पर दम करते और फिर पूरे जिस्म पर फेरते थे। ये रात को हिफाज़त के लिए बहुत बेहतरीन है। (सहीह बुखारी)
- फज्र और मगरिब के बाद: इन सूरतों को फज्र और मगरिब की नमाज़ के बाद तीन-तीन बार पढ़ना बहुत सवाब का काम है और हिफाज़त का बेहतरीन ज़रिया है। (सुनन अबू दाऊद, तिरमिज़ी)
- हर नमाज़ के बाद: हर फर्ज़ नमाज़ के बाद एक बार सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फलक और सूरह अल-नास पढ़ना भी बहुत फायदेमंद है।
- किसी भी परेशानी या डर के वक़्त: जब भी आपको डर लगे, बेचैनी हो या किसी चीज़ का खौफ हो, तो अयातुल कुर्सी के साथ इन सूरतों को पढ़कर अल्लाह से दुआ मांगें।
- बीमार पर दम करने के लिए: बीमार शख्स पर इन सूरतों को पढ़कर दम किया जा सकता है। अल्लाह शिफा देने वाला है।
Hadith on 4 Qul in hindi:
इन सूरतों की फज़ीलत बहुत सी हदीसों में बयान की गई है। कुछ अहम हदीसें ये हैं:
- आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हर रात जब अपने बिस्तर पर तशरीफ ले जाते तो अपनी हथेलियों को जमा करते, फिर उनमें ‘कुल हुवल्लाहु अहद’ (सूरह अल-इखलास), ‘कुल अऊज़ु बिरब्बिल फलक’ (सूरह अल-फलक) और ‘कुल अऊज़ु बिरब्बिन नास’ (सूरह अल-नास) पढ़कर फूंकते, फिर जहाँ तक भी आपके दस्त मुबारक की पहुँच होती अपने जिस्म पर फेरते। आप ये तीन बार करते थे। (सहीह बुखारी: 5017)
- उकबा बिन आमिर रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया: “मुझे ऐसी सूरतें सिखाई गई हैं जिनकी मिसाल तौरात, इंजील, ज़बूर और कुरआन में नहीं है।” ये सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फलक और सूरह अल-नास हैं। (सुनन तिरमिज़ी: 2827)
- एक और हदीस में आया है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उकबा बिन आमिर रज़ियल्लाहु अन्हु से फरमाया: “क्या मैं तुम्हें वो सूरतें न बताऊं जो पनाह मांगने के लिए सबसे बेहतरीन हैं?” उन्होंने कहा: “क्यों नहीं, या रसूलल्लाह!” आपने फरमाया: “कुल अऊज़ु बिरब्बिल फलक और कुल अऊज़ु बिरब्बिन नास।” (सुनन नसई: 5430)
इन चारों सूरतों को नियमित रूप से पढ़ने की आदत बनानी चाहिए। ये अल्लाह की तरफ से हमारी हिफाज़त का एक बहुत आसान और मुसर्रिफ तरीका है।
Conclusion:
तो दोस्तों, ‘4 Qul in hindi’ सिर्फ कुरआन की सूरतें नहीं हैं, बल्कि अल्लाह की रहमत और हिफाज़त के दरवाज़े हैं। इन सूरतों को समझना, इन्हें याद करना और इन्हें हर रोज़ पढ़ना हमारी ज़िंदगी के लिए बहुत फायदेमंद है। ये हमें हर तरह के शर, जादू, हसद और शैतान के वसवसों से बचाती हैं।
रमज़ान के इस बाबरकत महीने में हमें इन सूरतों को और ज्यादा पढ़ना चाहिए और इनकी फज़ीलत से फायदा उठाना चाहिए। इन्हें अपनी रोज़ाना की आदत बनाएं, खासकर सोते वक़्त और फज्र और मगरिब के बाद।
अल्लाह ताला हम सबको इन सूरतों की बरकतों से भरपूर फायदा उठाने की तौफीक अता फरमाए और हमारी हर शर से हिफाज़त फरमाए। आमीन।
अगर आपके मन में ‘4 kul hindi benefits’ या ‘4 kul hindi wazifa’ से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप कमेंट्स में पूछ सकते हैं। हम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे।
याद रखें, इन सूरतों को पढ़ने के साथ-साथ अल्लाह पर पूरा भरोसा रखना भी बहुत ज़रूरी है। दुआ दिल से निकलनी चाहिए और यकीन होना चाहिए कि अल्लाह हमारी सुन रहा है और हमारी हिफाज़त फरमाएगा।
शुक्रिया! अस्सालमु अलैकुम।
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