Karz se nijat ki dua in Hindi: क़र्ज़ एक ऐसा बोझ है जो इंसान की रातों की नींद छीन लेता है। यह सिर्फ पैसों का मसला नहीं है, बल्कि एक तरह का मानसिक और रूहानी बोझ भी है। इस्लाम में क़र्ज़ से बचने और अगर क़र्ज़ हो जाए तो उसे उतारने के लिए खास तालीम दी गई है।
हमारे प्यारे नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने खुद भी क़र्ज़ से पनाह मांगी है और हमें भी इसके लिए दुआएं सिखाई हैं। अगर आप Karz utarne ki dua या Karz se nijat ki dua in Hindi ढूंढ रहे हैं, तो ये लेख आपको क़ुरान और हदीस की रौशनी में कुछ आसान और बहुत ही असरदार दुआएं बताएगा, जिनसे इंशाअल्लाह आप अपने क़र्ज़ के बोझ से आज़ाद हो सकते हैं।
क़र्ज़ की हक़ीक़त: इस्लाम की नज़र में
इस्लाम में क़र्ज़ लेना और देना दोनों को बहुत संजीदगी से लिया गया है। क़र्ज़ एक ज़िम्मेदारी है जिसे हर हाल में अदा करना फ़र्ज़ है। एक हदीस में है कि अगर कोई शहीद हो जाए, लेकिन उस पर क़र्ज़ बाकी हो तो उसकी रूह जन्नत में दाखिल होने से रुकी रहती है, जब तक कि उसका क़र्ज़ अदा न कर दिया जाए।
ये बताता है कि क़र्ज़ की क्या अहमियत है। इसी वजह से नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने हमें क़र्ज़ से बचने और उसे अदा करने के लिए खास दुआएं बताई हैं। ये Powerful dua for getting rid of debt सिर्फ पैसों के लिए नहीं, बल्कि रूहानी सुकून के लिए भी होती हैं।
क़र्ज़ उतारने के लिए मुअस्सिर दुआएं (हदीस से)
यहाँ कुछ ऐसी दुआएं दी गई हैं जो नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) खुद भी पढ़ते थे या सहाबा को सिखाते थे। इन दुआओं को रोज़ाना पढ़ने की आदत डालने से अल्लाह आपके लिए क़र्ज़ अदा करने के रास्ते आसान कर देगा।
Jism ke Dard ki dua | दर्द से शिफा की दुआ हिंदी में
1. क़र्ज़ और परेशानियों से पनाह मांगने की दुआ
ये एक बहुत ही मशहूर और असरदार दुआ है जो हमें हर तरह की परेशानी, सुस्ती, बुज़दिली और सबसे बढ़कर क़र्ज़ के बोझ से पनाह मांगना सिखाती है।
हिंदी ट्रांसलिटरेशन: अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ुबिका मिनल-हम्मी वल-हज़नि, वल-अज्ज़ि वल-कसलि, वल-बुख्लि वल-जुब्नि, व ज़ल’इद्दैनी व ग़लबतिर-रिजालि।
आसान तर्जुमा: ऐ अल्लाह! मैं तेरी पनाह चाहता हूँ फ़िक्र और ग़म से, बेबसी और सुस्ती से, कंजूसी और बुज़दिली से, और क़र्ज़ के बोझ और लोगों के ज़ोर से।
इस दुआ को रोज़ाना सुबह और शाम पढ़ने की आदत डालें। ये Karz utarne ka wazifa में एक बहुत ही अहम हिस्सा है, क्योंकि ये हमें सिर्फ क़र्ज़ से ही नहीं बल्कि उन तमाम बुरी आदतों से भी बचाती है जो हमें क़र्ज़ में डाल सकती हैं।
2. Karz se nijat ki dua in Hindi
ये दुआ उन लोगों के लिए है जो क़र्ज़ के बोझ से परेशान हैं और हलाल कमाई में बरकत चाहते हैं। नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इस दुआ को पढ़कर क़र्ज़ की अदाएगी का रास्ता बताया है।

हिंदी ट्रांसलिटरेशन: अल्लाहुम्मक्फ़िनी बि हलालिका अन हरामिका व अग्निनि बि फज़लिका अम्मन सिवाक।
आसान तर्जुमा: ऐ अल्लाह! मुझे अपनी हलाल चीज़ों से इतना दे कि हराम की ज़रूरत न रहे और अपने फ़ज़ल से मुझे अपने सिवा हर एक से बेपरवाह कर दे।
(जामी अत-तिर्मिज़ी, हदीस: 3563)
इस दुआ को रोज़ाना नमाज़ों के बाद और जब भी मौका मिले, पढ़े। अल्लाह की रहमत से ये दुआ आपके लिए Karz se nijat ka wazifa का काम करेगी और आपके रिज़्क में बरकत लाएगी।
3. क़र्ज़ अदा करने का आसान तरीक़ा
एक बार हज़रत अली (रज़ि.) के पास एक मकातब (क़र्ज़दार) आए और उनसे क़र्ज़ उतारने में मदद मांगी। हज़रत अली (रज़ि.) ने उन्हें नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की बताई हुई एक दुआ सिखाई।
हिंदी ट्रांसलिटरेशन: अल्लाहुम्मकफ़िनी बि-हलालिका अन हरामिका व अग्निनि बि-फज़लिका अम्मन सिवाक।
हज़रत अली (रज़ि.) ने फ़रमाया: “अगर तुम पर पहाड़ जितना भी क़र्ज़ होगा तो अल्लाह उसे अदा करवा देगा।” (सही मुस्लिम) ये Karz utarne ki dua in Hindi में एक बहुत बड़ा और भरोसेमंद अमल है।
क़र्ज़ उतारने के लिए दुआ के साथ कुछ ज़रूरी बातें
सिर्फ दुआ पढ़ना ही काफी नहीं है, बल्कि दुआ के साथ-साथ कुछ बातों पर अमल करना भी बहुत ज़रूरी है।
- मेहनत और ईमानदारी: दुआ के साथ-साथ अपनी कमाई को हलाल और नेक तरीके से बढ़ाने की कोशिश करें। मेहनत और ईमानदारी से की गई कोशिश में अल्लाह बरकत डालता है।
- सदक़ा और ख़ैरात: सदक़ा करने से रिज़्क में बरकत आती है और परेशानियां दूर होती हैं। अपनी हैसियत के हिसाब से सदक़ा करना चाहिए।
- तौबा और इस्तिग़फ़ार: अपने गुनाहों से सच्ची तौबा करें और अल्लाह से माफ़ी मांगें। गुनाह रिज़्क में कमी और मुश्किलों का सबब बन सकते हैं।
- सही नीयत: आपकी नीयत साफ़ होनी चाहिए कि आप अपने क़र्ज़ को अदा करना चाहते हैं, न कि उससे भागना चाहते हैं।
आखिर में
क़र्ज़ एक बड़ी आज़माइश है, लेकिन अल्लाह की रहमत से ये दूर हो सकती है। इन मुबारक दुआओं को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं और अल्लाह से सच्चे दिल से मदद मांगें। अल्लाह पर पूरा भरोसा रखें कि वो आपके लिए क़र्ज़ उतारने के रास्ते ज़रूर खोलेगा। ये Best Dua for Debt Relief आपकी ज़िंदगी में सुकून और खुशहाली लाएगी।
अल्लाह हमें हलाल रिज़्क अता फ़रमाए और क़र्ज़ के बोझ से महफूज़ रखे। आमीन।