humbistari se pehle ki dua: हमबिस्तरी की दुआ हिंदी में

humbistari ki dua or tarika

शादीशुदा ज़िंदगी का एक बहुत ही ख़ास और अहम हिस्सा है। इस्लाम में इसे सिर्फ जिस्मानी ज़रूरत नहीं माना गया, बल्कि अल्लाह की तरफ से दी गई एक नेमत और इबादत समझा गया है। मियां-बीवी के रिश्ते में प्यार और इत्मीनान लाना और नेक aulad ki dua करना इसका अहम मक़सद है। अगर आप humbistari ki dua in hindi में ढूंढ रहे हैं और humbistari ka tarika जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपको क़ुरान और हदीस की रौशनी में सही तरीका और दुआएं बताएगा ताकि आपका रिश्ता बरकत से भर जाए।

humbistari ki Dua : औलाद को शैतान के शर से बचाने का तरीका

हंबिस्तरी से पहले दुआ पढ़ना एक बहुत ही अहम सुन्नत है। ये दुआ अल्लाह से मदद और बरकत मांगने के लिए पढ़ी जाती है, ताकि जो औलाद पैदा हो वो पाक और शैतान के शर से महफूज़ रहे। हमारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने हमें ये दुआ सिखाई है, जिसे humbistari se pehle ki dua भी कहा जाता है।

अमल का तरीका: जब आप अपनी बीवी के पास जाएं (यानी हंबिस्तरी का इरादा करें), तो इस दुआ को पढ़ें।

humbistari ki dua in hindi

humbistari se pehle ki dua : “बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा जन्निबनाश् शैताना, व जन्निबिश शैताना मा रज़क तना। ” आसान तर्जुमा: “अल्लाह के नाम से, ऐ अल्लाह! हमें शैतान से दूर रख और उस औलाद को भी शैतान से दूर रख जो तू हमें अता फरमाएगा।”

(सही बुखारी, हदीस: 5165)

नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: “अगर कोई शख्स humbistari ki dua in hindi with meaning पढ़ता है और उसके बाद अगर अल्लाह उन्हें औलाद देता है, तो शैतान उस बच्चे को कभी नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।” ये हदीस बताती है कि ये दुआ कितनी ताकतवर है और ये aulad ke liye dua का एक हिस्सा भी है।

हंबिस्तरी का इस्लामी तरीका: सुन्नत के मुताबिक

इस्लाम ने हंबिस्तरी के लिए कुछ ख़ास आदाब और तरीके बताए हैं जो मियां-बीवी के रिश्ते को पाक और बरकत वाला बनाते हैं। ये humbistari ka tarika in islam कहलाता है और इसमें दोनों की ख़ुशी और पाक दामनी का ख्याल रखा जाता है।

  • खुले दिल से बात करें: हंबिस्तरी से पहले मियां-बीवी को एक दूसरे के साथ प्यार और सम्मान से पेश आना चाहिए। यह एक रूहानी और जज़्बाती रिश्ता है, इसलिए इसमें ज़बरदस्ती नहीं होनी चाहिए।
  • पाकीज़गी का ख्याल रखें: हंबिस्तरी से पहले मियां-बीवी दोनों को पाक होना चाहिए और खुशबू का इस्तेमाल करना सुन्नत है।
  • तन्हाई का एहतिराम करें: हंबिस्तरी हमेशा किसी ऐसी जगह पर हो जहां कोई तीसरा शख्स न देख सके।
  • बातचीत करना: हंबिस्तरी के दौरान बातचीत करने में कोई हर्ज नहीं, लेकिन कुछ ख़ास बातें जो शर्म और हया के खिलाफ़ हों, उनसे बचना बेहतर है।
  • एक दूसरे की ख़ुशी का ख्याल रखें: Biwi se humbistari ka tarika हमेशा दोनों की रज़ामंदी और ख़ुशी से होना चाहिए।
  • वज़ू करना: नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने कहा कि हंबिस्तरी के बाद पाक होने से पहले अगर दोबारा हंबिस्तरी करनी हो तो वज़ू कर लेना चाहिए।

ये humbistari ke aadab इस्लाम में मियां-बीवी के रिश्ते को पाक और मज़बूत बनाते हैं, और औलाद के लिए भी एक अच्छी शुरुआत है।

नेक और सालेह औलाद की दुआ: क़ुरान और सुन्नत से

हर माँ-बाप चाहते हैं कि उनकी औलाद नेक और फ़रमाँबरदार हो। क़ुरान और हदीस में नेक aulad hone ki dua करने के कई तरीके बताए गए हैं।

1. हज़रत ज़करिया (अ.स.) की दुआ

ये दुआ उन लोगों के लिए बहुत असरदार है जिनकी कोई औलाद नहीं है या जो नेक औलाद चाहते हैं। यह bacche ki dua के तौर पर बहुत मशहूर है।

Bachche ki dua in hindi: “रब्बि हब्ली मिल-लदुन्का ज़ुर्रिय्यतन तय्यिबह, इन्नका समीउद-दुआ।” आसान तर्जुमा: “ऐ मेरे रब! मुझे अपने पास से नेक औलाद अता फ़रमा, बेशक तू ही दुआ सुनने वाला है।”

(सूरह आले इमरान, आयत 38)

इस दुआ को फ़र्ज़ नमाज़ों के बाद या रात को सोने से पहले दिल की गहराई से पढ़ें। इसे Quran se aulad ki dua के लिए सबसे ज्यादा असरदार माना जाता है।

2. हज़रत इब्राहीम (अ.स.) की दुआ

ये दुआ हज़रत इब्राहीम (अ.स.) ने अपनी औलाद को हमेशा नमाज़ पढ़ने और नेक रास्ते पर चलने की हिदायत देने के लिए की थी। ये aulad ke liye wazifa का भी हिस्सा है।

औलाद के लिए दुआ: “रब्बि ज-अल्नी मुक़ीमस्सलाति व मिन् ज़ुर्रिय्यती, रब्बना व तक़ब्बल दुआ।” आसान तर्जुमा: “ऐ मेरे रब! मुझे और मेरी औलाद को नमाज़ क़ायम करने वाला बना दे, ऐ हमारे रब! और मेरी दुआ कबूल फ़रमा।”

(सूरह इब्राहीम, आयत 40)

ये दुआ aulad ki dua के तौर पर भी पढ़ी जाती है ताकि आपकी औलाद को दीन पर चलने की तौफीक मिले।

हंबिस्तरी और औलाद के लिए कुछ खास बातें

  • तैयारी करें: नेक औलाद की ख्वाहिश करने वाले मियां-बीवी को हंबिस्तरी से पहले अपनी नियत को पाक रखना चाहिए और सच्चे दिल से अल्लाह से दुआ करनी चाहिए।
  • हलाल रिज़्क: हलाल रिज़्क का आपकी औलाद की तरबियत और शख़्सियत पर बहुत गहरा असर होता है।
  • सब्र और यकीन: अगर औलाद होने में कोई परेशानी है, तो सब्र से काम लें और अल्लाह पर पूरा यकीन रखें।
  • डॉक्टर से मशवरा: दुआ और वज़ीफ़े के साथ-साथ डॉक्टर से सलाह लेना भी ज़रूरी है। इस्लाम में हर मसले के लिए कोशिश करना और फिर अल्लाह पर भरोसा करना सिखाया गया है।

आख़िरी बात

शादीशुदा ज़िंदगी को अल्लाह के बताए हुए तरीकों पर चलाना हमें दुनिया और आखिरत दोनों में सुकून और कामयाबी देता है। humbistari ki dua hindi में पढ़कर और सुन्नत के मुताबिक humbistari ka sahi tarika अपनाकर आप न सिर्फ अपने रिश्ते को मज़बूत करते हैं, बल्कि अपनी औलाद के लिए भी अल्लाह की रहमतें हासिल करते हैं। नेक aulad ki dua करने के साथ-साथ उनकी अच्छी तरबियत भी करें। इंशाअल्लाह, अल्लाह आपको और आपके परिवार को बेशुमार खुशियां अता करेगा। आमीन।

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