आयातल कुर्सी हिंदी में | Ayatul Kursi Ki Fazilat


आयतुल कुर्सी इस्लाम के मानने वालों के लिए बहुत ही अहम आयत है। यह आयत क़ुरान शरीफ की सबसे लंबी सुरह, सुरह अल-बकरा की 255वीं आयत है। इस आयत को ‘Ayatul Kursi’ इस लिए कहते हैं क्योंकि इसमें अल्लाह की कुर्सी का ज़िक्र किया गया है, जो उनकी ताक़त और रुतबे की अलामत है।

Aytul Kursi in Hindi की तिलावत और इसके अहमियत के बारे में कई अहादीस में ज़िक्र है। माना जाता है कि जो शख्स इसे रोज़ाना पढ़ता है, उसे अल्लाह की हिफ़ाज़त मिलती है। यह आयत हमें अल्लाह की अज़मत और उनकी ताक़त का एहसास दिलाती है। इस आयत में बताया गया है कि अल्लाह ही सब कुछ हैं, और उनकी इजाज़त के बिना कुछ भी नहीं हो सकता।

Aytul Kursi Hindi me Likhi Hui पढ़ने के बेशुमार फायदे हैं। यह हमें नेगेटिव एनर्जी से बचाती है। इसकी तिलावत से इंसान को दिल का सुकून मिलता है और ज़हनी तनाओ से निजात मिलती है। इस आयत को पढ़ने से घर में बरकत होती है और बुरी नज़र से हिफ़ाज़त होती है।

इसके अलावा, Aytul Kursi transliteration को हर नमाज़ के बाद पढ़ने की बहुत ज़्यादा अहमियत है। यह माना जाता है कि इससे इंसान की हर परेशानी दूर हो जाती है। रात को सोने से पहले इसकी तिलावत करने से अल्लाह की हिफ़ाज़त पूरी रात बनी रहती है।

आयतुल कुर्सी की यह सारी खासियत और फायदे इसे मुसलमानों के लिए बहुत अहम बनाते हैं।

इस तरह, आयतुल कुर्सी की रोज़ाना तिलावत हर मुसलमान की ज़िंदगी में बहार ला सकती है। यह हमें अल्लाह के क़रीब ले जाती है और उनकी रहमत से नवाज़ती है। इस लिए, हर मुसलमान को चाहिए कि वह Ayatul Kursi ke Fayde को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल करे।

Aytul Kursi transliteration

Allahu laa ilaha illa
Huwal-Hayul-Qayum, laa
ta'khudhuhu sinatu walaa
nawum, llahu maa fi
ssamawaati wa maa fil ardhi
ma'nthalladhi yashfa'u
in'dahuu illa bi'ithinih ya'alamu
maa bayna aydihim wamaa
khalfahum, wa layuhithuuna bi
shay'i mmin ilmihi illa bi
mashaa'a wasi'a kursiyuhu
Ssamawaati wal ardha wala
ya'uduhu hifdhuhumaa
wahuwal alayyul adheem

अयातल कुर्सी हिंदी में (Ayatul Kursi in Hindi)

अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू अल हय्युल कय्यूम ला
तअ खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़
मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इजनिह
यअलमु मा बैना अयदी हिम वमा खल्फहुम
वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा.. अ
वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा वहुवल अलिय्युल अज़ीम।

अयातुल कुर्सी हिंदी तर्जुमा:

अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, अल्लाह ही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है न उसको ऊंघ आती है और न ही नींद, जो कुछ भी आसमानों पर है और जो भी ज़मीन पर है सब अल्लाह ही का है, कौन है जो बिना अल्लाह कि इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके, अल्लाह उन्हे भी जानता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल है, बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे, उसकी (हुकूमत) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है, ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है

अयातल कुर्सी पढ़ने के फायदे (Ayatal Kursi ke Benifits)

अयातुल कुर्सी कुरान ए मजीद की तमाम आयतों में सबसे आला और अफज़ल आयात हैं।

अबि बिन काब रजियल्लाहु अन्हु फरमाते है की रसुल्लाह सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया “क्या तुम्हे पता है किताबउल्लाह (अल्लाह की किताब) में से तुम्हारे पास सबसे अफ़ज़ल कौन सी आयत है, तो मैंने अर्ज किया की अल्लाह और उसके रसूल ही बेहतर जानते हैं। सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने दोबारा फरमाया। किताबउल्लाह में से तुम्हारे पास सबसे अफ़ज़ल कौन सी आयत है, मैंने अर्ज किया अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू अल हय्युल कय्यूम ये अयातल कुर्सी सबसे अफ़ज़ल हैं। रसूल अल्लाह सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने मेरे सीने को थपथपाते हुए कहा अबू मंजर तुम्हे इल्म मुबारक हो” (सुबहानअल्लाह)


Sahi Al Muslim #1885

सोने से पहले आयात कुर्सी पढ़ने वाले के लिए अल्लाह की तरफ से एक फरिश्ता मुकर्रर किया जाता है, जो चोरी, डकैती, और दीगर नुकसान से इसकी हिफाज़त करता हैं। इसके अलावा शैतान के शर से भी इंसान महफूज़ रहता हैं।

हर फर्ज नमाज़ के बाद अयातल कुर्सी पढ़ने वाले और जन्नत के बीच सिर्फ मौत के अलावा कोई रुकवाट नही हैं। यानी अगर कोई शख्स नमाज़ के बाद अयातल कुर्सी पढ़े और फौत हो जाए तो सीधा जन्नत में जायेगा। (इंशाल्लाह)

Sunan Nisai #6464

हमने क्या सीखा

दोस्तो इस इस लेख के जरिए हमने आपको Ayatul Kursi in hindi के बारे में बताया और इस अज़ीम आयात की फजीलत भी बताई। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। आपको जानकारी कैसी लगी? हमें कमेंट बॉक्स में बताइए और किसी तरह की कोई इस्लाह करनी हो तो कमेंट में आप अपनी राय पेश कर सकते हैं।

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