दुरूद ए इब्राहिम हिंदी में | Durood E Ibrahim in Hindi and English

Durood e Ibrahim सबसे अफ़ज़ल दुरूद मानी जाती है, क्योंकि इस दुरूद ए इब्राहिम को हर नमाज़ में पढ़ा जाता है। ऐसे में हर मुस्लिम शख्स को दुरूद ए इब्राहिम याद होना ही चाहिए। इस लेख में हम Durood e Ibrahim in Hindi के बारे में जानेंगे।

Durood E Ibrahim एक ऐसी दुरूद शरीफ है जिसे हर इंसान अपनी नमाज़ में तशहुद के दौरान अतहियाद के बाद पढ़ता है। आप भी दुरूद ए इब्राहिम सीखना चाहते हैं तो इस लेख में हम आपको Durood e Ibrahim in hindi पढ़ना सिखाएंगे।

इसके अलावा दुरूद ए इब्राहिम का तर्जुमा भी आपको बताया, ताकि आप आसानी से समझ कर इस दुरूद शरीफ को सीख जाएं और अपनी नमाजों को मुकम्मल करें।

दुरूद शरीफ का बहुत ही बड़ा मर्तबा है, हर इंसान को हर समय दुरूद शरीफ का विर्द करते रहना चाहिए, तिरमिज़ी की हदीस है, हुज़ूर (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया: “कयामत के दिन, लोगों में से मेरे सबसे करीबी लोग वो होंगे जिन्होंने सबसे ज्यादा दुरूद पढ़ा होगा” (सुबहानअल्लाह)

इसके अलावा हुज़ूर ने फरमाया है की “जो इंसान एक बार दुरूद पढ़ता है अल्लाह उसे 10 नेकियां देता है और 10 गुनाह माफ कर देता और उसके 10 दर्जे को बुलंद कर देता हैं।”

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आका का फरमान है: “जो मोमिन हर रोज़ एक हजार दुरूद शरीफ पढ़ता है, वह इस दुनिया को तब तक नहीं छोड़ेगा जब तक कि वह जन्नतुल फिरदौस में अपना महल न देख ले।”

Durood e Ibrahim in Hindi (नमाज़ में पढ़ी जाने वाली दुरुद)

अल्लाहुम्मा सल्लि 'अला मुहम्मदीन व' अला' आलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता 'अला' इब्राहीमा व 'अला' आली 'इब्राहीमा,' इन्नका हमीदुन मजीद।
अल्लाहुम्मा बारिक 'अला मुहम्मदीन व' अला 'आली मुहम्मदीन, कमा बारकता' अला 'इब्राहीमा व' अला' आली 'इब्राहीमा,' इन्नाका हमीदुन मजीद।

दुरूद ए इब्राहिम का हिंदी तर्जुमा

ऐ अल्लाह रहमत नाज़िल फरमा मोहम्मद (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर, और मोहम्मद (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की आल पर, जैसे की तू ने रहमत नाज़िल फरमाई, इब्राहिम अलैहिसलाम पर और इब्राहिम अलैहिसलाम की आल पर, बेशक तू बड़ी तारीफ वाला, बुजुर्गी वाला है।


ऐ अल्लाह बरकत नाज़िल फरमा (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर और मोहम्मद (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की आल पर, जैसे तू ने बरकत नाज़िल फरमाई इब्राहिम अलैहिसलाम पर और इब्राहिम अलैहिसलाम की आल पर, बेशक तू बड़ी तारीफ वाला, बड़ी बुजुर्गी वाला है।

Durood e Ibrahim in English (Hinglish)

Allahumma Salli Alaa Muhammadin Wa Alaa Aali Muhammaddin, kamaa Sallyta Alaa Ibrahima wa Alaa Aali Ibrahima Innaka Hameedun Majeed.
Allahumma Baarik Alaa Muhammadin Wa Alaa Aali Muhammaddin, kamaa Baarakta Alaa Ibrahima wa Alaa Aali Ibrahima Innaka Hameedun Majeed.

दुरूदे इब्राहीम के फायदे:

वैसे तो दुरूद शरीफ पढ़ने के कई फायदे है और हमें हर वक्त दुरूद शरीफ पढ़ते रहना चाहिए, आइए दुरुद शरीफ पढ़ने के कुछ फायदे आपको बताते हैं।

  1. रूहानी सुकून: जब हम इमानदारी से दुरूदे इब्राहीम पढ़ते हैं, तो हमें रूहानी सुकून मिलता है और दिल से बोझ हल्का हो जाता है।
  2. मुसीबतों से नजात: यह दुरूद मुसीबतों और परेशानियों से हमारी हिफाज़त करती है। अल्लाह तआला अपने बंदों पर रहमतें बरसाता है और उनकी परेशानियों को दूर करता है।
  3. सवाब में इज़ाफा: जैसा कि हमने ऊपर बताया है एक बार दुरूद शरीफ पढ़ने से से 10 नेकियां हासिल होती है और 10 गुनाह माफ़ होते है और बंदे के 10 दर्जे बुलंद होते है, हमें दिन में कम से कम एक बार तो दुरूद शरीर पढ़नी ही चाहिए।
  4. मिठास और बरकत: घर में बरकत आती है और रिश्तों में मिठास बढ़ती है। रोज़गार में भी बरकत होती है।
  5. गुनाहों की माफी: यह दुरूद गुनाहों के माफी का भी ज़रिया बनता है। अल्लाह माफ करने वाला है और उसकी रहमत से गुनाह मिट जाते हैं।

हमने क्या सीखा

दोस्तो, इस लेख के माध्यम से हमने दुरूद शरीफ (Durood e Ibrahim) की फजीलत के बारे में जाना। इस दुरूद को पढ़ने से कई फायदे होते है। दुरूदे इब्राहीम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। रोज़ाना इसके पढ़ने से सिर्फ़ दुनिया में ही नहीं, बल्कि आखिरत में भी बेशुमार फायदे मिलते हैं। हमें दुरूद शरीफ पढ़ते रहना चाहिए।

इसके अलावा हमने darood Sharif in hindi भी बताया हैं। जिससे, दुरूद याद करने में आसानी हो। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट में बताएं और कोई राय या सुझाव देना हो तो कमेंट में हमारी इस्लाह करें। अल्लाह हाफ़िज़।

दुरूद ए इब्राहीम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। रोज़ाना इसके पढ़ने से सिर्फ़ दुनिया में ही नहीं, बल्कि आखिरत में भी बेशुमार फायदे मिलते हैं। हमें दुरूद शरीफ पढ़ते रहना चाहिए।

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