अस्सलामु अलैकुम, दोस्तों! आज हम बात करेंगे एक ऐसी दुआ के बारे में जो हर मुसलमान के लिए बहुत ज़रूरी है: “ghar se bahar jane ki dua” जब भी हम घर से निकलते हैं, तो इस दुआ को पढ़ने का एक खास मकसद होता है। ये दुआ न सिर्फ हिफाज़त देती है, बल्कि हमें अल्लाह की याद दिलाती है।
ghar se bahar jane ki dua की अहमियत
दुआ, एक इबादत है, जो हमें अल्लाह से जोड़ने का ज़रिया है। जब हम घर से निकलते हैं, तो हमारा दिल चिंताओं से भरा होता है। हमारी ज़िंदगी में बहुत सारी चुनौतियाँ और मुश्किलें होती हैं। इस दुआ का पढ़ना हमें थोड़ा सुकून देता है और याद दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं। अल्लाह हमारे साथ है।
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Ghar se jane ki dua का मतन
घर से बाहर निकलते वक्त जो दुआ हम पढ़ते हैं, वो कुछ इस तरह है:
Ghar se Bahar Jane ki dua Hindi Mein
बिस्मिल्लाह, तवक्कलतु अलल्लाह, ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह।
ghar se bahar jane ki dua in Roman english
Bismillah, Tawakkaltu ‘Alallah, La Hawla Wa La Quwwata Illa Billah.
ghar se bahar jane ki dua in english
In the name of Allah, I place my trust in Allah, there is no might and no power except with Allah.
ghar se bahar jane ki dua in Urdu
بسم اللہ، توکلت علی اللہ، لا حول و لا قوۃ الا باللہ۔
ghar se bahar jane ki dua in Arabic
بِسْمِ اللَّهِ، تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ، لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ۔
ghar se bahar jane ki dua दुआ की तफ़सील
इस दुआ का हर लफ्ज़ हमारी ज़िंदगी का एक हिस्सा है। “बिस्मिल्लाह” से शुरुआत करते हैं, जो अल्लाह के नाम से है। इसका मतलब है कि हम अपने हर काम को अल्लाह के नाम से शुरू करते हैं। ये हमें याद दिलाता है कि हर चीज़ अल्लाह के इरादे से होती है।
“तवक्कलतु अलल्लाह” का मतलब है कि हम अल्लाह पर भरोसा करते हैं। जब हम किसी काम के लिए निकलते हैं, तो हमें चिंता करने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि अल्लाह हमारे साथ है।
फिर आता है “ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह,” जो हमें ये याद दिलाता है कि हमारी कोई ताकत नहीं, सिर्फ अल्लाह की ताकत है। इसका मतलब है कि हमारा हर अमल अल्लाह की मदद से ही मुमकिन है।
ghar se bahar jane ki dua के फायदे
- हिफाज़त: जब हम ये दुआ पढ़ते हैं, तो अल्लाह हमें हर तरह से हिफाज़त देता है। घर से निकलने के बाद अगर कोई मुश्किल आये, तो हमें अल्लाह का सहारा होता है।
- सुकून: इस दुआ को पढ़ने से हमें सुकून मिलता है। हमारा दिल पुर सुकून होता है, और हम अल्लाह पर भरोसा करते हैं।
- नजर-ए-बद से बचाव: ये दुआ नजर-ए-बद से भी हिफाज़त करती है। जब हम घर से निकलते हैं, तो हमेशा ये डर होता है कि कोई नजर न लग जाये।
- तक़वा और ईमान में इज़ाफा: इस दुआ को पढ़ने से हमारा ईमान मज़बूत होता है। हम अल्लाह की तरफ झुकते हैं और उसकी तरफ से मदद की उम्मीद रखते हैं।
sawari par Sawar hone ki dua in Hindi
सुब्हानल्लज़ी सख्खरा लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू
मुकरिनीना व इन्ना इला रब्बिना लमुन कलिबून.
तर्जमा : पाक है वह जिसने इस को हमारे क़ब्ज़े में किया
वरना हम इस को क़ाबू में करने वाले न थे और हम अपने
परवर दिगार की तरफ लौटने वाले हैं।
sawari par Sawar hone ki dua in Roman English
Subhanallazi sakhkhara lanaa haza wamaa kunna lahoo
muqrineena wa inna ilaa rabbina lamun qaliboon.
sawari par Sawar hone ki dua in English
In the name of Allah, I place my trust in Allah, and there is no might nor power except with Allah.
दुआ की आदत कैसे डालें
इस दुआ को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाना बहुत आसान है। यहाँ कुछ टिप्स हैं जो आपको इस दुआ को याद रखने और पढ़ने में मदद कर सकते हैं:
- मॉर्निंग रूटीन: अपने सुबह के रूटीन में इस दुआ को शामिल करें। जब भी आप घर से निकलते हैं, सबसे पहले इस दुआ को पढ़ें।
- स्टिकी नोट्स: अपने घर के दरवाज़े पर या अपने मोबाइल पर स्टिकी नोट्स लगा सकते हैं। इससे आपको याद रहेगा कि आपको ये दुआ पढ़नी है।
- फैमिली इंवॉल्वमेंट: अपने घरवालों को भी इस दुआ के बारे में बताएं। इससे आप सब मिलकर दुआ पढ़ सकते हैं, जो एक अच्छा अमल है।
- दुआ का वक्त: इस दुआ को पढ़ने का एक वक्त तय करें। जैसे सुबह उठते ही या घर से निकलते वक्त।
निष्कर्ष
दोस्तों, “ghar se bahar jane ki dua” सिर्फ एक लफ्ज़ नहीं, बल्कि एक हिफाज़ती चादर है जो हमें हर मुश्किल से बचा सकती है। इस दुआ को याद रखकर और पढ़कर, हम अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं। हर मुसलमान को चाहिए कि वो इस दुआ को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाए।
अल्लाह हमें अपनी हिफाज़त में रखे और हमेशा अपना रहनुमाई फराहम करे, आमीन!
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